कौन है जफर सादिक, जिसने देश के बाहर भेजी दी 2000 करोड़ की ड्रग्स
Jaffer Sadiq Arrest
नई दिल्ली। Jaffer Sadiq Arrest: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने दो हजार करोड़ से अधिक के अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी रैकेट की जांच के सिलसिले में शनिवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के पूर्व पदाधिकारी जाफर सादिक को गिरफ्तार किया। सूत्रों ने बताया कि ईडी जल्द ही एनसीबी के इस मामले का संज्ञान लेकर रैकेट की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करेगी।
एनसीबी के उपमहानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि 36 वर्षीय सादिक को खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। वह भारत से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया में फैले अंतरराष्ट्रीय 'स्यूडोएफेड्राइन' तस्करी रैकेट का 'मास्टरमाइंड और सरगना' है।
सादिक को तस्करी से मिलता है कट
- एनसीबी अधिकारियों के अनुसार, सादिक को मादक पदार्थों की तस्करी से प्रति किलोग्राम एक लाख रुपये 'कट' (कमीशन) मिलता था। उसने ड्रग्स तस्करी से अर्जित धन को फिल्म निर्माण, रियल एस्टेट सहित अन्य कारोबार में लगाया। उसने चेन्नई में एक होटल भी बनाया।
- जब ज्ञानेश्वर सिंह से पूछा गया कि क्या कोई राजनेता एजेंसी की जांच के दायरे में है, तो उन्होंने कहा कि हम इस मामले की गहनता से जांच करेंगे।
- इस बीच सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एक हाई-प्रोफाइल द्रमुक नेता को जल्द ही पूछताछ के लिए एनसीबी द्वारा बुलाया जा सकता है। सादिक तमिल और हिंदी फिल्म उद्योग से जुड़ा रहा है। इसे लेकर भी जांच चल रही है। 'राजनीतिक फंडिंग' के कुछ मामले भी जांच के दायरे में हैं।
कौन हैं जाफर सादिक?
एनसीबी के उपमहानिदेशक ने कहा कि सादिक जिसका पूरा नाम जाफर सादिक अब्दुल रहमान है, फरवरी में इस मामले में एजेंसी द्वारा दिल्ली में छापे मारे जाने के बाद फरार हो गया था। गिरफ्तारी से पहले वह चेन्नई से तिरुअनंतपुरम, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और जयपुर तक ठिकाना बदलता रहा। एनसीबी ने पूछताछ के बाद उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। ड्रग्स रैकेट में नाम आने के बाद द्रमुक ने सादिक को पिछले दिनों पार्टी से निकाला था।
एनसीबी ने फरवरी में दिल्ली में की थी छापेमारी
ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि सादिक ने एनसीबी को बताया कि वह द्रमुक की एनआरआइ शाखा का चेन्नई पश्चिम क्षेत्र का आर्गनाइजर था।पिछले महीने एनसीबी ने तमिलनाडु के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली के बसई दारापुर इलाके में सादिक की कंपनी एवेंटा के गोदाम पर छापेमारी के दौरान 50 किलोग्राम मादक पदार्थ बनाने वाला रसायन 'स्यूडोएफेड्राइन' भी जब्त किया था। उन्होंने कहा,
ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड के अधिकारियों से वर्ष 2023 के अंत में मिली इस खुफिया सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस के साथ एनसीबी ने तलाशी ली थी कि सूखे नारियल के पाउडर और मिश्रित फुड पाउडर में 'बड़ी मात्रा में' 'स्यूडोएफेड्राइन' छिपा कर भारत से तस्करी कर विदेश में भेजा जाता है।
एनसीबी ने बयान में कहा था कि यूएस डीईए (ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन) के इनपुट से संकेत मिलता है कि इन खेपों को राष्ट्रीय राजधानी से भेजा जाता था।
तीन वर्षों में 'स्यूडोएफेड्राइन' की कितनी खेप भेजी गई?
एनसीबी ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों और सादिक ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में 'स्यूडोएफेड्राइन' की कुल 45 खेप भेजी गई थी, जिसमें लगभग 3,500 किलोग्राम 'स्यूडोएफेड्राइन'था, जिसकी कीमत एनसीबी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है। एनसीबी 'स्यूडोएफेड्राइन' के स्त्रोत का पता लगाने के लिए सादिक की तलाश कर रही थी। हाल ही में चेन्नई में उसके परिसर पर छापा भी मारा था।
सूत्रों के अनुसार, विदेशी में कई स्थानों पर अन्य मादक पदार्थ केटामाइन की तस्करी से जुड़े 2019 के सीमा शुल्क विभाग के मामले में भी सादिक का नाम भी सामने आया था। इस बीच विपक्षी अननाद्रमुक ने आरोप लगाया है कि द्रमुक शासन में तमिलनाडु मादक पदार्थों के अड्डे में बदल गया है।
सिंथेटिक ड्रग है 'स्यूडोएफेड्राइन'
'स्यूडोएफेड्राइन' अत्यधिक नशे की लत वाला मादक पदार्थ है। मेथमफेटामाइन नामक ड्रग बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। एनसीबी सूत्रों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1-1.5 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिकती है।
यह पढ़ें:
बायजू के 20 हजार कर्मचारियों के वेतन में हो रही देरी, 10 मार्च की डेडलाइन भी चूक सकती है कंपनी
लोकसभा चुनाव ऐलान से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने दिया इस्तीफा, देखें क्या था कारण
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- विश्वास है कि किसान नेता चीजों को समझेंगे और प्रदर्शन वापस लेंगे